आपको पहेले ही ठोकर में संभल जाना था .

 कोई तो नक्स है सुरज की 

          तपीश में वर्ना ,

रात की बर्फ को अब तक

          तो पीघल जाना था ,

तजूरबे के लिए एक जख्म

            बहोत होता है ,

आपको पहेले ही ठोकर में

              संभल जाना था .

                         ✍️

मुख़्तार कुरेशी 


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