कुछ लोगों की तिजोरी भर गयी जहेर बेचकर !! ✍️


 वो चैन से सो रहे हैं शहर 
            बेचकर ,
कोई सुहाग बचा रहा है जेवर
             बेचकर ,
बाप ने उम्र गुजार दी घर 
             बनाने में ,
बेटा उसी की सांसें खरीद रहा
            है घर बेचकर ,
बर्बाद हो गये कयी घर दवा
           खरीदने में ,
कुछ लोगों की तिजोरी भर 
        गयी जहेर बेचकर !! ✍️
मुख़्तार कुरेशी, औसा 

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