माँ थंडा बीस्तर अपनाये , मुझे देकर गरम रजाई

 


मातृ दिवस के अवसर पर मां

   के लिये कुछ लीखने से 

        खुद को नहीं रोक पाया 


" संसार के ताने बाने से

     घबराता है मन मेरा ,

इन झुटे रिस्ते नातों मे

    बस प्यार है सच्चा तेरा ,

जाडे की थंडी रातो में

    जब देर से मैं घर आऊं ,

हलकी सी दस्तक पर अपनी

    तुझे जागता हुआ मैं पाऊं ,

थंडी से ठीठरती जाये 

     थंडा बीस्तर अपनाये ,

मुझे देकर गरम रजाई 

   😥😥

मुख़्तार कुरेशी, औसा 



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