सांसद जलील का आरोप, बोलेः राकांपा के सामने शिवसेना ने क्यों टेके घुटने ?



सांसद जलील का आरोप, बोलेः राकांपा के सामने शिवसेना ने क्यों टेके घुटने ?





सांसद इम्तियाज जलिल ने पर्यावरणमंत्री आदित्य ठाकरे ने ट्वीट का हवाला देते हुए कहा कि औरंगाबाद के पास स्थित करोड़ी में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय क्रीड़ा विश्वविद्यालय पुणे में स्थानांतरित होने जा रहा है और उसके लिए बैठक भी ली गई। सवाल किया कि पहले से ही पुणे के बालेवाड़ी में सुविधायुक्त स्टेडियम है। आरोप लगाया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दबाव में आकर और राजनीतिक लाभ उठाने के लिए राज्य सरकार का यह निर्णय मराठवाड़ा के साथ अन्याय है। विवि यहीं रखने की पुरजोर मांग भी उन्होंने की।


जलील ने कहा कि गत कुछ दिन पहले औरंगाबाद में जिला नियोजन समिति की बैठक में अंतरराष्ट्रीय क्रीड़ा विवि का मुद्दा आने पर पालकमंत्री सुभाष देसाई ने आश्वास्त किया था कि कोई भी परिस्थिति में क्रीड़ा विवि औरंगाबाद में ही बनेगा। उसके लिए जगह भी निश्चित की गई। उसके बावजूद यह विवि स्थानांतरित करने से मराठवाड़ा पर अन्याय हो रहा है। चार वर्ष तक सभी जनप्रतिनिधियों ने लगातार प्रयास करने के बाद जिला प्रशासन ने करोड़ी में जगह निश्चित ने की थी। गंगापुर तहसील के बालूज में क्रीड़ा सुविधाओं की पूर्ति की जानी थी। चूंकि विवि के लिए अब जगह मिल गई है और अन्य औपचारिकाएं


आघाड़ी वर्ष 2014 में राज्य में सत्ता में आयी भाजपा-शिवसेना सरकार ने भी औरंगाबाद पर अन्याय किया था। औरंगाबाद में मंजूर एआईआईएमएस इन्स्टीट्यूट नागपुर में स्थानां गई। इंटरनेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर मंजूर होने के बावजूद अभी तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। जलील ने कहा कि औरंगाबाद जिले में शिवसेना के पांच विधायक और दो मंत्री हैं। शिवसेना के हाथ से राकांपा के क्रीड़ा विवि छीनकर ले जाने से महाविकास आघाड़ी सरकार में शिवसेना का कितना महत्व


है यह सामने आ गया है | सिर्फ शहर का नाम बदलने आग्रही, विकास के मामलों


में पीछे जलील ने आरोप लगाया कि शिवसेना सिर्फ मतदाताओं को गुमराह करने और शहर का नाम बदलने आग्रही है, विकास कार्य के लिए नहीं महाविकास आघाड़ी सरकार में मुख्यमंत्री और औरंगाबाद के पालकमंत्री शिवसेना के होने के बावजूद जिले के विकास के लिए प्रस्तावित सभी राष्ट्रीय, आंतरराष्ट्रीय परियोजनाएं और विकास कार्यों का स्थानांतरण अनुचित है।


हो चुकी हैं इसलिए उसे अन्य शहर में स्थानांतरित नहीं करना चाहिए। मराठवाड़ा के सभी कार्यालय अन्य स्थानों पर हटाना अनुचित है और इस बाबत उन्होंने सरकार से आग्रह भी किया है।



टिप्पणी पोस्ट करा

0 टिप्पण्या