मुस्लिमों की पहचान मिटाने की कोशिश
मंथन समान नागरिक संहिता से विभिन्न धर्म और जातियों पर पड़ेगा व्यापक नकारात्मक असर
औरंगाबाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन' (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष बैरिस्टर असदोद्दीन ओवैसी
मुस्लिमों की पहचान मिटाने की कोशिश
मंथन समान नागरिक संहिता से विभिन्न धर्म और जातियों पर पड़ेगा व्यापक नकारात्मक असर
औरंगाबाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन' (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष बैरिस्टर असदोद्दीन ओवैसी ने कहा कि समान नागरिक संहिता की कवायद सिर्फ मुस्लिम समाज की धार्मिक पहचान मिटाने की कोशिश है, लेकिन इस कानून से सिर्फ मुस्लिम समाज प्रभावित नहीं होगा,
सांसद असदोद्दीन ओवैसी ने उनकी पार्टी को भाजपा की बी टीम कहने वाले राकांपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अब वह कहां पर हैं, वह तो थ्री इन वन सरकार का हिस्सा बन गए हैं. साथ ही कांग्रेस और अन्य दलों पर भी समान नागरिक कानून पर अपना पक्ष रखने का आह्वान किया.
हर धर्म और समुदाय तथा विशेष रूप से अनुसूचित जनजातियां और आदिवासी समाज भी प्रभावित होगा. इसलिए इसके विरोध में सभी को मैदान में उतरने की जरूरत है.
चिंताएं अपनी- अपनी
ओवैसी संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि नागरिक कानून संघ परिवार के एजेंडे में है यह उनका पुराना एजेंडा है. जबकि महात्मा
गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू स्पष्ट कर चुके थे कि अलग-अलग जाति-धर्म के देश में कहा कि लॉ कमीशन भी अनेक बार समान जातियों की पहचान मिटाने के प्रयासों का विरोध कर चुका है, लेकिन अचानक लाँ कमीशन ने समान नागरिक संहिता को लेकर लोगों से राय मांगी है, जिसके पीछे कुछ और नाट्य मंदिर में मंगलवार को समान नागरिक किसी के व्यक्तिगत कानून के साथ कोई नहीं बल्कि सरकार की हठधर्मिता है और मंत्री अमित शाह को कहना पड़ता है कि बड़े है या उनको उनसे अधिक कानून का ज्ञान संहिता को लेकर आयोजित चर्चा सत्र में छेड़छाड़ नहीं होगा. इस अवसर पर उन्होंने अगले चुनाव में उनके पास कोई मुद्दा नहीं आदिवासी समाज और ईसाई समाज को समान है, जबकि बाबासाहब स्वयं अलग-अलग बचा है.
स्थानीय निराला बाजार स्थित तापड़िया
पिछले चालीस-पचास सालों से समान नागरिक संहिता के नाम पर विभिन्न धर्म और ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ मुस्लिम समाज के समूह की ओर से कार्यक्रम का संचालन सोहेल जकीयोद्दीन ने कहते हैं कि एक घर में दो कानून नहीं चलेंगे, जबकि प्रधानमंत्री को शायद पता नहीं है औरंगाबाद में मंगलवार को एआईएमआईएम की ओर से समान नागरिक संहिता को लेकर आयोजित चर्चा सत्र मे बोल रहे थे
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