तलवार मेरे सरपर लटकती रही मगर , मैंने किसी अमीर को सजदा नहीं किया , लूटना कुबूल किया रहेजन के हाथ से मगर , कमजर्फ रहेबरों पे कभी भरोसा नहीं किया 👩🏼‍🦯

 तलवार मेरे सरपर लटकती

                  रही मगर ,

मैंने किसी अमीर को सजदा

                   नहीं किया ,

लूटना कुबूल किया रहेजन के

                  हाथ से मगर ,

कमजर्फ रहेबरों पे कभी 

             भरोसा नहीं किया 👩🏼‍🦯

मुख्तार कुरेशी, औसा

.


टिप्पणी पोस्ट करा

0 टिप्पण्या