मेरी मां की दुवाओं का खजाना कम नहीं होता

 बहोत रोते हैं पर दामन हमारा

        नम नहीं होता ,

इन आंखों के बरसने का कोई

        मोसम नहीं होता ,

हमेशा दुश्मनों के बीच भी 

‌‌        महेफुज रहेता हूं ,

 मेरी मां की दुवाओं का 

        खजाना कम नहीं होता

                     🤲

मुख्तार कुरेशी 

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