जब तलक है अल्लाह का करम , सब कहेंगे तूझे
मोहतरम ।
शख्सीयत ख़ाक हो जायेगी
जब भी तूझमे गुरूर आयेगा..
सच्चे दिल से तीलावत करें
अपनें रब की इबादत करे,
घर में रहेमत उतर आयेगी
और चेहेरे पे नूर आयेगा ...
✍️
मुख़्तार कुरेशी, औसा
जब तलक है अल्लाह का करम , सब कहेंगे तूझे
मोहतरम ।
शख्सीयत ख़ाक हो जायेगी
जब भी तूझमे गुरूर आयेगा..
सच्चे दिल से तीलावत करें
अपनें रब की इबादत करे,
घर में रहेमत उतर आयेगी
और चेहेरे पे नूर आयेगा ...
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मुख़्तार कुरेशी, औसा
सद्भावनेने राहु या ! (कवी: बशीर शेख "कलमवाला") डोळे भरून पाहावे, मनामध्ये घर करावे, प्रे…
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