एक_शादी_ऐसी_भी.....!!! #खण्डवा के लिये मिसाल बनी... 0% खर्च की शादी

 #एक_शादी_ऐसी_भी.....!!!


#खण्डवा के लिये मिसाल बनी...

0% खर्च की शादी




  खण्डवा में हाल में हुई एक शादी ने मिसाल कायम की । शादी में 0% खर्च, आज के दौर में महँगी होती जा रही शादियाँ और उनमें की जा रही फिज़ूल खर्ची को रोकने के लिये किसी सबक़ से कम नहीं, बशर्ते की इस पहल को हर कोई अमल में लाने की कोशिश करे , यक़ीनन मुस्तकबिल में इसके बेहतर नताइज हम सभी के सामने होंगे ।


बुरहानपुर शाही जामा मस्जिद के पेश इमाम जनाब सैय्यद इकराम उल्लाह बुखारी साहब ने आज खण्डवा में अपने साहबज़ादे का निकाह जनाब इमरान काज़ी साहब, खण्डवा की साहबज़ादी के साथ किया । 

मदरसा काज़ीयान, परदेशीपुरा में हुए इस निकाह की खासियत यह रही कि दूल्हे वालों ने अपनी और से दिए गए सिर्फ एक जोड़े में दुल्हन को कुबूल किया। न तो लड़की वालों को बारातियों के लिये चाय, ठंडे का कोई इंतजाम करने दिया, न निकाह के बाद खाने का कोई एहतेमाम था, जनाब इकराम उल्लाह साहब ने अपनी तक़रीर में दुल्हन के वालिद से बार- बार दरयाफ्त किया कि अगर आपका इस शादी में पाँच पैसा भी खर्च हुआ हो तो हमें बता दें ताकि हम निकाह के पहले अदा कर दें। आपने यह भी कहा कि मेरी दिली तमन्ना थी कि मैं अपने फ़रज़न्द की शादी में सैय्यदना हज़रत अली कर्रमल्लाहु की सुन्नत को अदा करूँ, जिसमें मैं आज कामयाब हो गया, निकाह होते ही आधे घण्टे के अंदर दुल्हन विदा हो गई और सभी बाराती फ़ौरन बुरहानपुर के लिये रवाना हो गए ।


बुरहानपुर के शाही इमाम जनाब सैय्यद इकराम उल्लाह साहब की कोशिशों से ऐसा माहौल तैयार हुआ है जो अपने आपमें में खुद एक मिसाल है , बारात में बैंड बाजा और नाच गाने की बिल्कुल मनाही है, अगर ज़रा भी कोताही बरती गई तो कोई भी काज़ी साहब उस दूल्हा/दुल्हन का निकाह नही पढ़ा सकते । इस कायदे को बुरहानपुर के हर फर्द ने कुबूल किया जिस वजह से आज एक बेहतर माहौल तैयार हुआ, काज़ी साहब ने आज फिर खण्डवा में एक मिसाल कायम की।  ज़रुरत है लोग इस पहल को आगे तक ले जाएं । 


शाही इमाम जनाब इकराम उल्लाह हज़रत के भाई जनाब सैय्यद तलत तमजीद बुखारी साहब (बाबा मियाँ) शाही जामा मस्जिद के मुतवल्ली और मध्यप्रदेश हज वेलफेयर सोसायटी के सरपरस्त हैं, इस मुताल्लिक आपकी कोशिशें भी मआशरे में तब्दीली लाने में कामयाब साबित हो रही हैं 


जज़ाक़ अल्लाहु खैर ।

अल्लाह हमें भी सुन्नतों पर अमल पैरा होने की तौफीक अता फरमाए निहायत सादगी से जिंदगी गुजारने की तौफीक अता फरमाए आमीन

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