छत्रपती शिवाजी महाराज के आचरण का स्विकार करने से व्यक्तीगत चरित्र तथा राष्ट्र निर्माण संभव : सद्गुरु गहीनीनाथ महाराज.
श्री. कुमारस्वामी महाविद्यालय में छत्रपती शिवाजी महाराज के जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. सद्गुरु गहीनीनाथ महाराजने अध्यक्षीय मनोगत व्यक्त करते हुए कहा की, विश्व के इतिहास से में शिवाजी महाराज का स्थान सर्वोच्च है.उनके आचरण का हमने स्विकार करना अनिवार्य है. महाराज के आचरण से हम चारित्र्य तथा सर्वगुणसंपन्न व्यक्तिमत्त्व के धनी कहलायेंगे तथा राष्ट्र निर्माण में उच्च का योगदान देने योग्य नागरिक बनेंगे, जिस से हमारा राष्ट्र विश्वगुरु बनना सहज संभव होगा. प्रमुख अतिथी अँड. फिरोजखान पठाण ने अपने मनोगत में शिवाजी महाराज के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा की, शिवाजी महाराज सर्वधर्म समभाव के प्रणेता थे, उनकी फौज के सेनानायकों से लेकर सभी बडे पदों पर मुस्लीम धर्मिय व्यक्तीयों की नियुक्ती थी. जो सर्वव्यापी हो ऐसे महान राजा को जाती में बांधकर मर्यादित नहीं किया जा सकता.कार्यक्रम का सुत्रसंचलन प्रा.डाँ. अनिल वाडकरने किया. अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य डाँ. बेटकरने अतिथीयों का आभार व्यक्त किया.
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