बच्चों को अपने भुका सुलाना पड़ा मुझे ,

 खुद्दारी को अपनी बचाने के 

                 वास्ते ,

बच्चों को अपने भुका सुलाना

                 पड़ा मुझे ,

ठोकर न खाये और कोई बस

 इसलिए पत्थर को रास्ते से

   हटाना पड़ा मुझे ,

खामोशियों को वो मेरी 

   बुजदीली न समझे ,

मैदान में ये सोंचके आना

             पड़ा मुझे ✍️


मुख़्तार कुरेशी, औसा



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