*मित्रत्व को जपने वाला सच्चा और निस्वार्थ मित्र... एड.इक़बाल शेख*
पत्रकारिता क्षेत्र मे मैं हमारे वालिद मौलवी हबीबुद्दीन पटेल साहब की सरपरस्ती में 1992 से करता आया. जिसमे कई पत्रकार मित्र मुझे मिले, सभी का सहयोग मुझे मिलता रहा है. इसी पत्रकारीता क्षेत्र मे सन 2000 इसवी मे एड. इक़बाल शेख की मुलाक़ात लातूर से प्रकाशित होने वाले सा. एलान के माध्यम से हुई. के इस अखबार में "आँखों देखा हाल" इस स्तंभ के ज़रिये एड. इक़बाल शेख अपने सामाजिक विचारों पर आधारित लेख लिखा करते थे.मैं, म.मुस्लिम कबीर और एड. इक़बाल शेख नियमित रूप से सा.एलान कार्यालय में संपादक हाफ़िज़ मोइनोददीन साहब, कार्यकारी संपादक इक़बाल पाशा अख़बार वाला से विचार विमर्श कर के हालात हाजेरा पर तब्सिरा लिखते. यहां से कुछ हम सीखते और कुछ मदद करते इसी तरह हमारा तीनो का सफर चलता रहा 2005 में गरीबो की मदद की खातिर हमने मिलकर खिदमते खलक कमिटी की स्थापना की जिसमे कई लोगों की इमदाद दवाखाना शादी के तालुक से इमदाद की जो आज भी जारी है 2010 में मेरा एक्सीडेंट हुआ उस समय मेरा मंशा खुद का अख़बार निकालने का हुआ जिसमे सभी के राय से सा लातूर रिपोर्टर टाइटल से अख़बार निकाला गया उसमे एडवोकेट इक़बाल ने दिल व जान से मेहनत की 2015 में मेरे ज़िन्दगी का एक बडा हादसा हुआ तब सभी दोस्तों ने बड़ा हौसला दिया मुझे टूटने से बचाया उनमे इक़बाल शेख एक हैं हम में बड़ी गहरी दोस्ती हुई जैसे जैसे दिन गुज़रते गए हम एक दूसरे के मशवरे से काम करते गए
2019 में उनका एक कारनामा दीनियात से इंग्लिश स्कूल उनके अहलिया के ज़ेरे निगरानी चलाया जाने वाले में इक़बाल शेख की बड़ी मेहनत रही वो कहते हैँ ना हर कामियाब आदमी के पीछे उसकी बीवी का हाथ है वैसे हि कामियाब शेख मैडम के पीछे (इक़बाल )इस मर्द का हाथ है इस स्कूल को परवान चढ़ाने में इक़बाल ने बहुत मेहनत की 2020 के लॉक डाउन में हम पूरी जान से लोगों की सोशल सोसाइटी के ज़रिये खिदमत अंजाम दिए इस खिदमत में सबसे ज़्यादा क़ोई वक्त दिया हो तो वो है एडवोकेट शेख इक़बाल रसूल साहब सच में क़ोई कोविड योद्धा बोले तो वो है शेख इक़बाल जिन्होंने सुबह 10 से शाम 7 बजे रोज़ाना गरीब मुफलिस यतीम बेवा की तहक़ीक़ करके लिस्ट बनाकर दानशुर लोगों को बताना के यह मुस्तहिक़ लोग है इनकी लॉक डाउन में मदद करना ज़रूरी है इस पर शहर के लोगों ने भी इनके नेक नियति को देख कर उनके हाथ को मज़बूत किया इसमे सोशल सोसाइटी के अज़हरूला हाशमी लइकोद्दीन पटेल पटेल स्टोन कृशर के रिज़वान पटेल ज़ीशान पटेल और भी बहोत से नाम हैं जिससे मदद पहुंची शहर के साथ अब बारी थी देहात के ज़रूरत मंदो को मदद करना वहां से भी लिस्ट मांगवाकर तहक़ीक़ करके इमदाद की गई ऐसे कोविड योद्धा को उनके सालगिरह पर सलाम अल्लाह से दुआ है अल्लाह उन्हें लम्बी उम्र दे और सामाजिक कार्य में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने की तौफ़ीक़ दे आमीन
मज़हरोद्दीन पटेल
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