*8 नवंबर यौमे-ए-वफात* *स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुलमोहसिन मोहम्मद सज्जाद (र.अ.)*

 *8 नवंबर यौमे-ए-वफात* 

 *स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुलमोहसिन मोहम्मद सज्जाद (र.अ.)* 

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स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुलमोहसिन मोहम्मद सज्जाद (र.अ.)अपने ओहदे के एक मशहूर मुमताज़ आलिम थे। आपकी पैदाइश सन् 1881ई. में जिला पटना में हुई थी। प्राइमरी तालिम आपने अपने वालिद मौलवी हसन बख़्श(र.अ.)और बड़े भाई मौलवी अहमद सज्जाद से हासिल की थी। इसके बाद कानपुर और इलाहाबाद में रहकर आपने मौलाना अहमद हसन कानपुरी (र.अ.)और मौलाना अब्दुल काफ़ी इलाहाबादी(र.अ.) से आगे की तालिम हासिल की।


बाद में आपने मदरसा इस्लामिया ( बिहार शरीफ़ ), मदरसा सजानिया ( इलाहाबाद ), मदरसा अनवारुल उलूम( गया )मे पढ़ाया और साथ ही वतन की तहरीकों में भी हिस्सा लिया। बिहार की इमारतें शरिया का क़याम आपका सबसे बडा कारनामा है,जिसके आप काफी वक्त तक नायब अमीर रहे।


तहरीके सिविल नाफ़रमानी के ज़माने में सन् 1932 ई. में जमियत उलमा ए हिंद के अदाराह के जिम्मेदार आप ही थे। 13 जुलाई सन् 1940 ई. को आपको जमियत उलमा ए हिन्द के नाजिम ए आला का ओहदा हासिल हुआ। 8 नवंबर सन् 1940 ई. को आप इस दुनिया से रुख़सत हो गये। फुलवारी शरीफ़ में आपकी तदफी़न अमल मे आयी।

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 संदर्भ-लहू बोलता भी है

 लेखक-सैय्यद शाहनवाज़ अहमद कादरी, कृष्ण कल्कि

संकलन -अताउल्लाखा पठाण सर

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